BA Semester-5 Paper-1 Fine Arts - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 चित्रकला - भारतीय वास्तुकला का इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 चित्रकला - भारतीय वास्तुकला का इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2803
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 चित्रकला - भारतीय वास्तुकला का इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- बाघ की गुफाओं के चित्रों का वर्णन एवं उनकी सराहना कीजिए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. बाघ की गुफाओं के चित्रों का परिचय दीजिए।
2. बाघ की गुफाओं की क्या विशेषता हैं?

उत्तर -

अजन्ता के बाद गुफा के चित्रों की परम्परा बाघ की गुफाओं में दृष्टिगोचर होती है। ये गुफाएँ मध्य प्रदेश में, धार जिले के अन्तर्गत, विन्ध्य श्रेणी में भीलों की बस्ती में विद्यमान हैं। सन् 1907-08 में ये गुफाएँ प्रकाश में आईं। ये गुफाएँ नर्मदा की सहायक नदी बाघ के तट पर स्थित हैं। इसी कारण इन गुफाओं को बाघ की गुफा कहा जाता है। ये गुफाएँ इस नदी से 150 फीट की ऊँचाई पर हैं। ये कुल 9 गुफाएँ हैं जिनका सामना लगभग 750 फीट है। इनमें पहली गुफा को गृह गुफा कहते हैं। यह गुफा चार स्तम्भ वाली है और एक 23 x 24 फीट के कमरे के समान है। यह गुफा भग्न अवस्था में है। दूसरी गुफा में एक इतिहासिक महत्त्व का महाराज सुबन्दु का तामपत्र मिला है। यह एक वर्गाकार चैत्य है। तीसरी गुफा को हाथीखाना कहते हैं। इसमें सुन्दर चित्र बने हुए हैं। यह विशिष्ट अतिथियों के लिए बनाई गयी थीं। इसी गुफा में दो हाल हैं। इसमें बोधिसत्व के चित्र बने हैं जिससे यह चैत्य गुफा लगती है। चौथी गुफा रंग महल के नाम से प्रसिद्ध है। इसकी दीवार तथा छत पर चित्र बने हुए हैं। यह दूसरी गुफा से मिलती-जुलती है। इसके बीच का हाल 94 फीट लम्बा है। पाँचवीं गुफा में छतों, दीवारों और स्तम्भों में टेम्परा चित्र हैं। छठी गुफा एक 46 फीट का वर्गाकार हाल है। चौथी व पाँचवीं गुफा के आगे एक 200 फीट का बरामदा था जो गिरा चुका है। शेष तीनों गुफाएँ नष्ट हो गयी हैं।

बाघ की गुफाओं के सम्बन्ध में काफी मतभेद हैं। कुछ विद्वानों ने इन्हें अजन्ता की गुफाओं के समकालीन कहा है। स्मिथ ने इनका समय 626-628 ई० माना है जबकि अजन्ता की पहली व दूसरी गुफा का निर्माण हुआ था। महाराज सुबन्धु के ताम्र पत्र के अनुसार इन गुफाओं का समय चौथी एवं पाँचवीं शताब्दी आता है क्योंकि इतिहासकारों के अनुसार महाराज सुबन्धु का समय 416-486 ई० माना जाता है। इस ताम्र पत्र के लेख अनुसार इन गुफाओं का नाम पहले 'कलयन' था और इनके खर्चे के लिए 'दसिलिका पल्ली' नाम गाँव दिया गया था, परन्तु अब इसका कोई निशान नहीं मिलता।

इन चित्रों की प्रतिकृतियाँ उतारने वाले प्रथम कलाकारों में सर्व श्री एस०एन० सरकार, वी० एन० आप्टे, एस० भाण्ड, नन्दलाल बोस, श्री ए०वी० भोंसले, बी०वी० जगताप व असित कुमार हालदार का नाम उल्लेखनीय है। गूजरी महल में इनकी प्रतिलियाँ बनाई। इन गुफाओं पर श्री नन्दलाल बोस व श्री डी०ई० इम्पी आदि ने लेख लिखे।

बाघ गुफाओं के चित्र

बाघ की गुफाओं में 'रंगमहल' तथा चौथी गुफा में अधिक सुरक्षित चित्र हैं। इसमें निम्नलिखित छ: चित्र हैं-

1. वियोग - इस चित्र में दो महिलायें एक मण्डप में बैठी हैं। एक शोकाकुल स्त्री चित्रतल के मध्य में अपने सफेद आँचल से मुँह छिपायें बैठी है। दूसरी स्त्री उसे सांत्वना दे रही है। छज्जे की छत में दो कबूतरों का चित्रण है जो इस वातावरण को और अधिक स्पष्ट कर रहा है।

2. मन्त्रणा - बाघ की गुफा के दूसरे चित्र में चार पुरुष सुखासन मुद्रा में बैठे हुए दिखाये गये हैं। चारों ने धारीदार वस्त्र पहन रखे हैं। इनमें से बाँयें ओर की पुरुषाकृति किसी राजा की मालूम होती है। ये राजा व मन्त्रिगण किसी गहन विषय पर विचार-विमर्श कर रहे हैं तथा हस्त मुद्राओं के संकेतों तथा नेत्रों की चितवन तथा रंगों के ताल-मेल से संयोजन में परिपक्वता दिखाई देती है।

3. देव पुरुषों का आकाश विचरण - इस चित्र में छः व्यक्तियों का समूह आकाश में विचरण करते हुए दिखाया गया है। जो सबसे आगे वाली आकृति धोती पहने हैं तथा हस्त मुद्रा वरद् रूप में है किसी प्रमुख धर्माचार्य की आकृति हो सबके सिर पर बाल नहीं है।

4. नृत्यांगनाएँ व वादिकाएँ - नर्तक का मध्य में बना आकर्षक रूप और उसकी वेश-भूषा में चित्रकार ने प्रभाविता के सिद्धान्त का पालन किया लगता है। पुरुष आकृति को पराग़ क्षेत्र में तथा स्त्रियों पुष्प, पंखुड़ियों के समान फहराती दिखाई है। यह चित्र सर्वोत्तम चित्रों की श्रेणी में आता है। खड़े व्यक्ति के चारों ओर स्थित छः वादिकाएँ उसके प्रभाव को द्वि-गुणित कर रही है। यहाँ भी प्रभावित युक्त वर्तुलाकार संयोजन किया गया है।

5. गायिकाएँ - कुछ विद्वानों ने इसे तृतीय चित्र का ही भाग माना है। इसमें एक गायिका ने एक हाथ में वीणा ले रखी है। इस चित्र में ईरानी नीला रंग भरा हुआ है। जिसका प्रयोग अजन्ता में कहीं-कहीं पर देखने को मिलता है।

6. शोभा यात्रायें - हाथियों व घोड़ों पर राजपरिवार व सिपाहियों को बैठा हुआ दर्शाया गया है। इस प्रखण्ड में क्रमशः हाथी व घोड़ों की शोभा को दिखाया गया है। हाथी के विशालकाय तन बदन को रेखीय गति से सौन्दर्य सम्पन्न बनाने में भारतीय कलाकार शुरू से ही पारंगत हो गये थे। चित्रों को देखकर इसी परिणाम पर पहुँचा जा सकता है कि ये चित्र वास्तविक जीवन के प्रतिरूप है, इन भित्ति चित्रों का बुद्ध की जातक कथाओं आदि से कोई सम्बन्ध नहीं था तथा सम्पूर्ण चित्र खण्ड हँसी-खुशी तथा दुःख-सुख जीवन विलास सम्बन्धी इसका जीवन्त उदाहरण है। पाँचवीं से नवीं संख्या की गुफाओं में भी चित्रावशेष होने के संकेत मिलते हैं लेकिन वर्तमान में इन गुफाओं में कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।

बाघ की गुफाओं की विशेषता

1. नारी सौन्दर्य - अजन्ता के समान ही यहाँ भी नारी में शारीरिक सौन्दर्य के साथ आध्यात्मिक सौन्दर्य की छवि को दिखाया गया है। केश विन्यास में नारी के अधिकतर जुड़े बनाये गये हैं। लेकिन अधिकतर जूड़े में विभिन्नता के दर्शन होते हैं।

2. वस्त्राभूषण - नारी के वस्त्राभूषण भी कुछ-कुछ अजन्ता के मिलते-जुलते हैं। लेकिन आकृतियों को कुछ कम आभूषण पहनाए गये हैं तथा विभिन्न रंगों से वस्त्रों का आकर्षण और अधिक बढ़ गया है।

3. प्रकृति-चित्रण - बाघ की गुफाओं में प्रकृति का मनोहारी चित्रण हुआ है। एक बगीचे का चित्रण है जोकि अब अस्पष्ट है परन्तु दशा में सुन्दर होगा विभिन्न लता पुष्पों से आलेखन किया गया है। गुफाओं के पास फैली जंगली हरितिमा और भलों की बस्ती की पुराने दिनों की याद ताजा कर देती है।

4. पशु-पक्षियों का चित्रण - यहाँ पशु-पक्षियों का सुन्दर तथा सजीव चित्रण हुआ है। तोता, मैना, कबूतर, हँस, मोर व सारस आदि का अंकन अजन्ता से मिलता-जुलता है। पक्षियों को प्रतीकात्मक रूप से भी बनाया गया है। घोड़े, हाथी तथा बैल भी बहुत सुन्दर बनाये गये हैं।

5. विविधता - यहाँ के चित्रों में धार्मिकता का आभास नहीं होता है। यहाँ के चित्रों में जीवन की विविधता मिलती है। कहीं नर्तक हैं तो कहीं गायक, कहीं विरहाकुल नारी है, तो कहीं पर हाथी घोड़ों के जुलूस आदि बाघ गुफा के सभी चित्रों में एक साथ एक समय बने प्रतीत होते हैं। लेकिन बाघ के वर्तमान चित्रों से केवल राजसी जीवन के कुछ अंशों का बोध होता है।

6. भाव - बाघ गुफा में जो भी भाव चित्रकार ने दिखाना चाहा है उसमें वह सफल हुआ है। जैसा कि विरहाकुल स्त्री के चित्र से स्पष्ट हो जाता है। कहीं-कहीं भाव भंगिमा अजन्ता से कुछ-कुछ मिलती-सी प्रतीत होती है।

7. भावाभिव्यक्ति - शैडिंग में अजन्ता शैली को ही अपनाया गया है। अतः ऐसा प्रतीत होता है कि अजन्ता के किसी कुशल चित्रकार के निर्देशन में बाघ चित्रों का सृजन हुआ है।

निश्चय ही बाघ के चित्रों का अवलोकन करने पर मन को स्मरणीय और आत्मिक तृप्ति होती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- 'सिन्धु घाटी स्थापत्य' शीर्षक पर एक निबन्ध लिखिए।
  2. प्रश्न- मोहनजोदड़ो व हड़प्पा के कला नमूने विकसित कला के हैं। कैसे?
  3. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज किसने की तथा वहाँ का स्वरूप कैसा था?
  4. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की मूर्ति शिल्प कला किस प्रकार की थी?
  5. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेष कहाँ-कहाँ प्राप्त हुए हैं?
  6. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता का पतन किस प्रकार हुआ?
  7. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के चरण कितने हैं?
  8. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता का नगर विन्यास तथा कृषि कार्य कैसा था?
  9. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की अर्थव्यवस्था तथा शिल्पकला कैसी थी?
  10. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की संस्थाओं और धार्मिक विचारों पर लेख लिखिए।
  11. प्रश्न- प्राचीन भारतीय वास्तुकला का परिचय दीजिए।
  12. प्रश्न- भारत की प्रागैतिहासिक कला पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  13. प्रश्न- प्रागैतिहासिक कला की प्रविधि एवं विशेषताएँ बताइए।
  14. प्रश्न- बाघ की गुफाओं के चित्रों का वर्णन एवं उनकी सराहना कीजिए।
  15. प्रश्न- 'बादामी गुफा के चित्रों' के सम्बन्ध में पूर्ण विवरण दीजिए।
  16. प्रश्न- प्रारम्भिक भारतीय रॉक कट गुफाएँ कहाँ मिली हैं?
  17. प्रश्न- दूसरी शताब्दी के बाद गुफाओं का निर्माण कार्य किस ओर अग्रसर हुआ?
  18. प्रश्न- बौद्ध काल की चित्रकला का परिचय दीजिए।
  19. प्रश्न- गुप्तकाल को कला का स्वर्ण काल क्यों कहा जाता है?
  20. प्रश्न- गुप्तकाल की मूर्तिकला पर एक लेख लिखिए।
  21. प्रश्न- गुप्तकालीन मूर्तिकला के विषय में आप क्या जानते हैं?
  22. प्रश्न- गुप्तकालीन मन्दिरों में की गई कारीगरी का वर्णन कीजिए।
  23. प्रश्न- गुप्तकालीन बौद्ध मूर्तियाँ कैसी थीं?
  24. प्रश्न- गुप्तकाल का पारिवारिक जीवन कैसा था?
  25. प्रश्न- गुप्तकाल में स्त्रियों की स्थिति कैसी थी?
  26. प्रश्न- गुप्तकालीन मूर्तिकला में किन-किन धातुओं का प्रयोग किया गया था?
  27. प्रश्न- गुप्तकालीन मूर्तिकला के विकास पर प्रकाश डालिए।
  28. प्रश्न- गुप्तकालीन मूर्तिकला के केन्द्र कहाँ-कहाँ स्थित हैं?
  29. प्रश्न- भारतीय प्रमुख प्राचीन मन्दिर वास्तुकला पर एक निबन्ध लिखिए।
  30. प्रश्न- भारत की प्राचीन स्थापत्य कला में मन्दिरों का क्या स्थान है?
  31. प्रश्न- प्रारम्भिक हिन्दू मन्दिर कौन-से हैं?
  32. प्रश्न- भारतीय मन्दिर वास्तुकला की प्रमुख शैलियाँ कौन-सी हैं? तथा इसके सिद्धान्त कौन-से हैं?
  33. प्रश्न- हिन्दू मन्दिर की वास्तुकला कितने प्रकार की होती है?
  34. प्रश्न- जैन धर्म से सम्बन्धित मन्दिर कहाँ-कहाँ प्राप्त हुए हैं?
  35. प्रश्न- खजुराहो के मूर्ति शिल्प के विषय में आप क्या जानते हैं?
  36. प्रश्न- भारत में जैन मन्दिर कहाँ-कहाँ मिले हैं?
  37. प्रश्न- इंडो-इस्लामिक वास्तुकला कहाँ की देन हैं? वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- भारत में इस्लामी वास्तुकला के लोकप्रिय उदाहरण कौन से हैं?
  39. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला की इमारतों का परिचय दीजिए।
  40. प्रश्न- इण्डो इस्लामिक वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने के रूप में ताजमहल की कारीगरी का वर्णन दीजिए।
  41. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत द्वारा कौन सी शैली की विशेषताएँ पसंद की जाती थीं?
  42. प्रश्न- इंडो इस्लामिक वास्तुकला की विशेषताएँ बताइए।
  43. प्रश्न- भारत में इस्लामी वास्तुकला की विशेषताएँ बताइए।
  44. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला में हमें किस-किसके उदाहरण देखने को मिलते हैं?
  45. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला को परम्परा की दृष्टि से कितनी श्रेणियों में बाँटा जाता है?
  46. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक आर्किटेक्ट्स के पीछे का इतिहास क्या है?
  47. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक आर्किटेक्ट्स की विभिन्न विशेषताएँ क्या हैं?
  48. प्रश्न- भारत इस्लामी वास्तुकला के उदाहरण क्या हैं?
  49. प्रश्न- भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना कैसे हुई? तथा अपने काल में इन्होंने कला के क्षेत्र में क्या कार्य किए?
  50. प्रश्न- मुख्य मुगल स्मारक कौन से हैं?
  51. प्रश्न- मुगल वास्तुकला के अभिलक्षणिक अवयव कौन से हैं?
  52. प्रश्न- भारत में मुगल वास्तुकला को आकार देने वाली 10 इमारतें कौन सी हैं?
  53. प्रश्न- जहाँगीर की चित्रकला शैली की विशेषताएँ लिखिए।
  54. प्रश्न- शाहजहाँ कालीन चित्रकला मुगल शैली पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- मुगल वास्तुकला की विशेषताएँ बताइए।
  56. प्रश्न- अकबर कालीन मुगल शैली की विशेषताएँ लिखिए।
  57. प्रश्न- मुगल वास्तुकला किसका मिश्रण है?
  58. प्रश्न- मुगल कौन थे?
  59. प्रश्न- मुगल वास्तुकला की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
  60. प्रश्न- भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना कैसे हुई? तथा अपने काल में इन्होंने कला के क्षेत्र में क्या कार्य किए?
  61. प्रश्न- राजस्थान की वास्तुकला का परिचय दीजिए।
  62. प्रश्न- राजस्थानी वास्तुकला पर निबन्ध लिखिए तथा उदाहरण भी दीजिए।
  63. प्रश्न- राजस्थान के पाँच शीर्ष वास्तुशिल्प कार्यों का परिचय दीजिए।
  64. प्रश्न- हवेली से क्या तात्पर्य है?
  65. प्रश्न- राजस्थानी शैली के कुछ उदाहरण दीजिए।

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